Page 29 - दिल्ली नगर निगम पत्रिका 'निगम आलोक-2024'
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फोन की लर
जब आया फोन हार् िें और बाहर जाने से हिें रोकते हो
तो खुदशयां लाया सार् िें । जिाना खराब है कोसते हो ।
िूर वाले भरी लगते र्े पास हि तो बचिे हैं
जब हि करते र्े बात । दकसने बनाया इसे खराब
पर अब फोन की ऐसरी लगरी है लत हिें भरी तो बताइए ना जनाब ।
दक हि तो भूल गए हैं खत । खुि तो जरी दलए
खत भूले तो कोई बात नहीं हिें भरी तो दिखाओ वो जिाना
पर हि तो सार् रहकर भरी सार् नहीं । खूब हँसना और सबको हँसाना
लोग खटाखट फोन िलाते हैं हिें तो लगता है एक फसाना ।
और ढेरों पैसा किाते हैं । हिें भरी बाजार ले जाओ ना
लेदकन आदखर िें के वल दडप्ेशन िें जाते हैं । अनेकों दखलौने दिखाओ ना ।
सब ऐप से शॉदपंग करते हैं कयों एक हरी ऐप से िुनते हो
बाजार जाने से बिते हैं । और बड़े बडे सपने बुनते हो ।
सोशल िरीदडया भरी खूब िलाते हैं हि फोन िें इतना खो गए हैं
नई-नई ररील बनाते हैं जैसे उद्ेशयहरीन से हो गए हैं ।
और क ु ् तो जाल िें फ ं स जाते हैं । यह होगा सबको सिझाना
पसमानल डाटा खो रहा है दक जयािा फोन ना िलाना ।
साइबर क्राइि हो रहा है । इसकी लत लगाओगे तो
इसने हर उम्र को दलया दशक ं जे िें आदखर िें प्ताओगे । ।
और जकड़ दलया आलस के पंजे िें ।
आप जब बताते हो बिपन की बात ररतु, अधयावपका
दक हि सब तो खेलते र्े सार् । नरेला क्षेरि
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