Page 27 - दिल्ली नगर निगम पत्रिका 'निगम आलोक-2024'
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का फल रु 39, सचिाई की जरीत-रु39 जैसरी कहादनयाँ युवा दवद्ादर्मायों की अनेकों िुनौदतयों के बरीि िें सिािान का
िागमा प्शसत करतरी हैं और ऐसा करके वे उन्हें भ्रदित होने से बिातरी हैं । नैदतक कर्ाओं के िहतव को उजागर करतरी
क ु ् पंदक्तयाँ इस लेख का सार उद्ृत करेंगरी
नैदतक कर्ाओं िें द्पा है जरीवन का ज्ान ।
दजनको पढ़कर सुलझें हि और बने िहान । ।
िैयमा, ईिानिाररी, सचिाई का ये पढ़ातरी पाठ ।
हर पल जरीवन िें सुनो इन्हें ये बात बाँि लो गांठ
नाम-सलीमा रमा्ष
अधयादपका
दिललरी नगर दनगि प्ार्दिक दवद्ालय
खानपुर गाँव
धिज धारक िम विंदरी के
"राजभारा मेरा अवभमान"
भाषा समप्ेषण के िाधयि के सार् गवमा का दवषय समयकतः तब कहलातरी है जब वह इस िहान िेश की िौदलक
िूलयवान संसकृदत की धवजवादहनरी होने की िहतरी भूदिका का भरी दनवमाहन करतरी हो । हिाररी दहंिरी भाषा ने दनरंतर
यह िादयतव दनभाया है ।
हिाररी भाषा और संसकृदत पर यूनानरी आक्रांता दसक ं िर के काल से हरी आक्रिण होने लगे र्े जो बाि के
आक्रिणकाररयों के काल तक और क्र ू र होते गए ।
पर प्कृदत से सरल और सहज हिाररी दहंिरी ने जन-जन की भाषा के रूप िें तर्ा राजभाषा का सर्ान संघषमापूवमाक
प्ाप्त करने के उपरांत भरी अपनरी वैज्ादनकताए सिृधि शबि भंडार, तकनरीकी, दिदकतसा, उन्नत कावय और सादहतय
सदहत हर क्षेरि िे अपनरी उपयोदगता और िेश दविेश िें वयापक सवरीकायमाता से हिे गवमा कराया है । दहंिरी अन्य भारतरीय
भाषाओं को भरी सिृधि और संपोदषत करतरी है । अतः हिें दहंिरी पर गवमा है ।
जय दहंि, जय दहंिरी
नाम- ज्ान रांकर वरिवेिली
अधयापक, शाहिरा उत्ररी क्षेरि
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