Page 35 - दिल्ली नगर निगम पत्रिका 'निगम आलोक-2024'
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धरररी मां की िंदना जरीिन का आधार िै






                                        22 अप्ैल है याि दिलाता इसके  बड़े उपकार हैं

                                        गंगा,यिुना सरसवतरी का बहता दनिमाल नरीर यहाँ

                                     िेवरी-िेवता और भगवान का सिा हरी रहता वास यहाँ

                                       अन्न-जल और फल-फ ू लों के  भरे रहें भंडार यहां

                                           िरतरी िां की वंिना जरीवन का आिार है

                                     जो डालो वह उपजा िेतरी, हर जन दक वो भूख दिटातरी

                                        शदक्त बड़री अपार है, एक बरीज के  सौ कर िेतरी

                                      घूि-घूि कर िौसि बिले, दिन और रात बनातरी है
                                      जरीवन को यह सुलभ बनातरी, करतरी नहीं आराि है


                                         िरतरी िां की करो वंिना जरीवन का आिार है
                                      कभरी है सूखा, कभरी है वषामा, कभरी बाढ़ दवकराल है

                                        िानव के  लालि के  कारण सहतरी िार अपार है

                                       नौ के  सौ िां कर िेतरी, दफर भरी िानव ना रुकता है

                                      कभरी डरीएपरी, कभरी यूररया, के दिकल की िेता िार है

                               लालि के  कारण हरी सहता बरीपरी शुगर और हाटमा अटैक की िार है

                                         िरतरी िां की करो वंिना जरीवन का आिार है

                                        जैदवक खेतरी कर ले पयारे, िरतरी िां से पयार है

                                  कहीं है सोना, कहीं कोयला, अंिर इसके  अनदगनत भंडार है

                                      दबना िोल के  िेतरी सब क ु ्,करो इसका समिान है

                                     सवगमा से सुंिर सपनों से पयारा िरतरी िां का रुप िहान है

                                         िरतरी िां की करो वंिना जरीवन का आिार है

                                        22 अप्ैल है याि दिलाता इसके  बड़े उपकार हैं




                                                                                                  वबजेंिर क ु मार

                                                                                                     बहुआयािरी

                                                                            fuxe vkyksd ¼o"kZ&2024½        35
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