Page 44 - दिल्ली नगर निगम पत्रिका 'निगम आलोक-2024'
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जशक्षा में निाचार






                   दशक्षा िें नविाररी दशक्षण दवदियां,

                       ज्ान का है ये नया संसार,

                    खेल-खेल िें बचिों को दसखाना,                           कभरी सिूह िें काि करना,

                      िन िें भर िे उतसाह अपार ।                          तो कभरी एकल प्यास दिखाना,

                                                                     बचिों के  भरीतर सृजनशरीलता दिखाना,
                   कभरी कहानरी, कभरी खेल-खेल िें,                     नविाररी दवदियों से दशक्षा दसखाना ।


                        बचिों को ज्ान दसखाएं,
                      नाि-गाने और दिरिकला से,                             दशक्षक का है ये नया अंिा़ि,

                      उनके  िन को हि िहकाएं ।                         दसफमा दकताबो तक सरीदित नहीं है राज,

                                                                            दशक्षा िें लाए नवािार,

                    सिाटमा बोडमा और तकनरीकी सािन,                        हर बचिे का हो सुंिर दवकास ।

                     बनते हैं अब दशक्षक के  सार्री,

                        नवरीन तररीकों से पढाना,                        नवरीन दवदियो का अपनाएं आिार,

                     बचिों को लगता है ये हार्री ।                        दशक्षा का हो सबका अदिकार,

                                                                        हर बचिे के  िन िें उतसाह जगांए,

                      प्योगषाला िें करके  िेखना,                      नविाररी दशक्षण से नई रोषनरी फैलाएं ।

                     दवज्ान की बातों को सिझना,

                      प्कृदत की गोि िें ले जाना,                            दशक्षा का नया उजाला,

                        जरीवन के  पाठ पढ़ाना ।                            हर बचिे के  जरीवन िें ्ा जाए,

                                                                          नविाररी दशक्षण दवदियों से,

                    गदणत हो या हो भाषा की बात,                         हर िन िें ज्ान का िरीप जल जाए ।

                    खेल-क ू ि िें द्पे हैं उनके  सार्,

                    नाट्य और अदभनय से दसखाएं,                                                               ररतु

                        दशक्षा िे ंरंग नए लाएं ।                                      अधयादपका प्हलािपुर बांगर



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